
🧨 BREAKING NEWS: पहलगाम हमले के बाद अमित शाह बैसरन पहुंचे, पर सवाल वही—कहां है इंटेलिजेंस, कहां हैं दावे का सच?
📍 पहलगाम, जम्मू-कश्मीर | रिपोर्ट: एलिक सिंह, वन्दे भारत लाइव टीवी न्यूज़
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज बैसरन के उसी घास के मैदान में पहुंचे, जहां कुछ ही दिन पहले आतंकवादियों ने 28 निर्दोष लोगों की जान ले ली थी। मगर इस दौरे ने सवालों की बौछार और तेज कर दी है।
❗ जब हमला हुआ, तब सुरक्षा नहीं थी – अब गृह मंत्री पहुंचे, तो पूरा काफिला साथ!
जिस वक्त हमला हुआ, उस इलाके में एक भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। अब जब गृहमंत्री खुद पहुंचते हैं, तो भारी सुरक्षा, बुलेटप्रूफ गाड़ियां, NSG कमांडो, सैटेलाइट निगरानी—सब कुछ मौजूद! क्या यह सुरक्षा आम लोगों के लिए नहीं होनी चाहिए थी?
🔍 आतंकवाद पर ‘क्लीन चिट’ के दावे हुए बेनकाब?
सरकार पिछले कुछ सालों से बार-बार दावा करती रही है:
“नोटबंदी से आतंकियों की कमर टूट गई!”
“धारा 370 और 35A हटने के बाद कश्मीर में शांति है!”
“अब पत्थरबाज़ी नहीं होती!”
तो फिर ये दहशतगर्द कैसे पहुंचे पहलगाम जैसे हाई-सेंसिटिव टूरिस्ट स्पॉट पर? क्या हमारी इंटेलिजेंस फेल हुई? क्या स्थानीय इनपुट नहीं मिले?
🛑 देश पूछ रहा है – जवाब कौन देगा?
आतंकी हमले की गंभीरता को नजरअंदाज क्यों किया गया?
टूरिस्ट हॉटस्पॉट पर पूर्व चेतावनी या घेरा क्यों नहीं था?
सुरक्षा बलों की तैनाती समय पर क्यों नहीं की गई?
गृहमंत्री का दौरा सांत्वना नहीं, ठोस जवाब और सख्त कार्रवाई चाहता है।
🗣️ जनता का सवाल: क्या सिर्फ नेताओं की जान की कीमत है?
हमले के बाद जहां सैकड़ों परिवार रो रहे हैं, वहीं सरकार का रवैया सवालों के घेरे में है। क्या आतंकी अब भी हमारी तैयारी से आगे हैं?
क्या देश को सिर्फ आश्वासन चाहिए या ज़मीनी स्तर पर ठोस रणनीति?
📌 निष्कर्ष:
हमले के बाद बैसरन जाना सराहनीय है, मगर असल परीक्षा सुरक्षा के मोर्चे पर है। कड़ी सुरक्षा में दौरे से पहले वो सुरक्षा आम नागरिकों के लिए क्यों नहीं थी?
📝 प्रस्तुतकर्ता:
एलिक सिंह
संपादक – वन्दे भारत लाइव टीवी न्यूज़
जिला प्रभारी – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
📞 संपर्क: 8217554083
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